Saturday 18 March 2017
Thursday 16 March 2017
Hasid Bakra
Thursday 16 March 2017
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حاسد بکرا
ایک بکرا اور گدھا
ایک فارم میں ایک ساتھ رہتے تھے۔ بکرے کو اپنےکھانے کا انتظام خود ہی کرنا پڑتا تھا جبکہ گدھا خوب محنت سے کام کرتا تھا اس لئے اس کا مالک اس
سے خوش ہو کر اسے کھانا دیا کرتا تھا۔یہ
دیکھ کر بکرا اس گدھے سے حسد کرنے لگا۔گدھا
سخت محنت کر جنگلوں سے بکرےکے لئے گھاس لایا کرتا تھا۔لیکن حسد میں اسے کچھ بھی
یاد نہ رہا۔ گدھے کی سبھی خوبیوں کو بھول کر اس نے سوچا کہ اگر گدھا کام کرنا چھوڑ دے تو اس کے حصّہ کا کھانا بھی
اسے مل جائے گا۔اس لئے ایک دن بکرے نے
گدھے کو ایک گہرےگڈھے میں ڈھکیل دیا۔ گدھے کو گہری چوٹ لگ گئی ۔ اس کا مالک اس
گدھے کو علاج کے لئے جانوروں کے ڈاکٹر کے پاس لے کر گیا۔ ڈاکٹر نے گدھے کی حالت
دیکھ کر کہا کہ اسے جلد سے جلد اچھا کرنے
کا طریقہ یہ ہے کہ اسے کھانے کے ساتھ بکرے
کا جوس پلایا جائے۔ کسان کو اپنا گدھا بہت پیارا تھا اس نے فوراً ہی بکرے کو ذبح
کرڈالا ۔ اور اس کے لئے جوس تیار کرنے لگا۔ اس طرح حسد نے بکرے کی
جان لے لی۔گدھا گھاس کھاتا تھا بکرے کا جوس اس کے کسی کام نہ آیا۔
(انگریزی سے ماخوذ)
آئینۂ اطفال میں اور بھی بہت کچھ |
Tuesday 14 March 2017
Monday 13 March 2017
Sunday 12 March 2017
होली मुबारक
Sunday 12 March 2017
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अहले वतन को होली की मुबारकबाद
कहीं पड़े न मोहब्बत की मार होली में
अदा से प्रेम करो दिल से प्यार होली में
गले में डाल दो बाँहों का हार होली में
उतारो एक बरस का ख़ुमार होली में
मिलो गले से गले बार बार होली में
लगा के आग बढ़ी आगे रात की जोगन
नए लिबास में आई है सुब्ह की मालन
नज़र नज़र है कुँवारी अदा अदा कमसिन
हैं रंग रंग से सब रंग-बार होली में
मिलो गले से गले बार बार होली में
हवा हर एक को चल फिर के गुदगुदाती है
नहीं जो हँसते उन्हें छेड़ कर हंसाती है
हया गुलों को तो कलियों को शर्म आती है
बढ़ाओ बढ़ के चमन का वक़ार होली में
मिलो गले से गले बार बार होली में
ये किस ने रंग भरा हर कली की प्याली में
गुलाल रख दिया किस ने गुलों की थाली में
कहाँ की मस्ती है मालन में और माली में
यही हैं सारे चमन की पुकार होली में
मिलो गले से गले बार बार होली में
तुम्हीं से फूल चमन के तुम्हीं से फुलवारी
सजाए जाओ दिलों के गुलाब की क्यारी
चलाए जाओ नशीली नज़र से पिचकारी
लुटाए जाओ बराबर बहार होली में
मिलो गले से गले बार बार होली में
मिले हो बारा महीनों की देख-भाल के ब'अद
ये दिन सितारे दिखाते हैं कितनी चाल के ब'अद
ये दिन गया तो फिर आएगा एक साल के ब'अद
निगाहें करते चलो चार यार होली में
मिलो गले से गले बार बार होली में
बुराई आज न ऐसे रहे न वैसे रहे
सफ़ाई दिल में रहे आज चाहे जैसे रहे
ग़ुबार दिल में किसी के रहे तो कैसे रहे
अबीर उड़ती है बन कर ग़ुबार होली में
मिलो गले से गले बार बार होली में
हया में डूबने वाले भी आज उभरते हैं
हसीन शोख़ियाँ करते हुए गुज़रते हैं
जो चोट से कभी बचते थे चोट करते हैं
हिरन भी खेल रहे हैं शिकार होली में
मिलो गले से गले बार बार होली में
---- नज़ीर बनारसी